शायितोऽशुचिपर्यङ्के जन्तु: स्वेदज-दूषिते ।
नेश: कण्डूयनेऽङ्गानामासनोत्थानचेष्टने ॥ २६ ॥
अनुवाद
पसीने और कीटाणुओं से भरे मैले-कुचैले बिस्तर पर लेटा हुआ मासूम बच्चा खुजली से राहत पाने के लिए अपने शरीर को खुजला भी नहीं पाता; बैठने, खड़े होने या चलने की बात तो दूर है।