वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 3: यथास्थिति
»
अध्याय 29: भगवान् कपिल द्वारा भक्ति की व्याख्या
»
श्लोक 40
श्लोक
3.29.40
यद्भयाद्वाति वातोऽयं सूर्यस्तपति यद्भयात् ।
यद्भयाद्वर्षते देवो भगणो भाति यद्भयात् ॥ ४० ॥
अनुवाद
play_arrowpause
ईश्वर के भय के कारण ही वायु चलती है, सूर्य चमकता है, वर्षा का देवता पानी बरसाता है और नक्षत्रों का समूह चमकता है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.