श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 21: मनु-कर्दम संवाद  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  3.21.8 
 
 
तावत्प्रसन्नो भगवान् पुष्कराक्ष: कृते युगे ।
दर्शयामास तं क्षत्त: शाब्दं ब्रह्म दधद्वपु: ॥ ८ ॥
 
अनुवाद
 
  तब सतयुग में कमल-नयनों वाले परम पुरुषोत्तम भगवान ने प्रसन्न होकर कर्दम मुनि को अपने दिव्य रूप के दर्शन कराए, जिसे केवल वेदों के माध्यम से ही समझा जा सकता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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