श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 12: कुमारों तथा अन्यों की सृष्टि  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  3.12.29 
 
 
तमधर्मे कृतमतिं विलोक्य पितरं सुता: ।
मरीचिमुख्या मुनयो विश्रम्भात्प्रत्यबोधयन् ॥ २९ ॥
 
अनुवाद
 
  मारिची आदि सभी ब्रह्मा के पुत्रों ने अपने पिता को अनैतिकता के कार्य में इस प्रकार मुग्ध पाकर बड़े आदरपूर्वक इस प्रकार कहा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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