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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 3: यथास्थिति
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अध्याय 12: कुमारों तथा अन्यों की सृष्टि
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श्लोक 25
श्लोक
3.12.25
धर्म: स्तनाद्दक्षिणतो यत्र नारायण: स्वयम् ।
अधर्म पृष्ठतो यस्मान्मृत्युर्लोकभयङ्कर: ॥ २५ ॥
अनुवाद
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धर्म ब्रह्मा के सीने से प्रगट हुआ, जहां भगवान नारायण विराजते हैं और अधर्म उनकी पीठ से उत्पन्न हुआ, जहां जीवों के लिए भयानक मौत होती है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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