श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 11: परमाणु से काल की गणना  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  3.11.39 
 
 
कालोऽयं परमाण्वादिर्द्विपरार्धान्त ईश्वर: ।
नैवेशितुं प्रभुर्भूम्न ईश्वरो धाममानिनाम् ॥ ३९ ॥
 
अनुवाद
 
  नित्य काल परमाणु से लेकर ब्रह्मा के जीवन के परार्धों तक के विभिन्न आयामों को जरूर नियंत्रित करता है, पर वह स्वयं सर्वशक्तिमान (भगवान) के नियंत्रण में है। काल केवल उन्हीं का नियंत्रण कर सकता है जो सत्यलोक या ब्रह्मांड के अन्य उच्चतर लोकों तक में देह में अहंकार करते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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