नित्य काल परमाणु से लेकर ब्रह्मा के जीवन के परार्धों तक के विभिन्न आयामों को जरूर नियंत्रित करता है, पर वह स्वयं सर्वशक्तिमान (भगवान) के नियंत्रण में है। काल केवल उन्हीं का नियंत्रण कर सकता है जो सत्यलोक या ब्रह्मांड के अन्य उच्चतर लोकों तक में देह में अहंकार करते हैं।