श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 3: यथास्थिति  »  अध्याय 10: सृष्टि के विभाग  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  3.10.22 
 
 
गौरजो महिष: कृष्ण: सूकरो गवयो रुरु: ।
द्विशफा: पशवश्चेमे अविरुष्ट्रश्च सत्तम ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  हे निष्कलंक विदुर, नीच पशुओं में गाय, बकरी, भैंस, काला हिरन, सूअर, नीलगाय, हिरण, भेड़ और ऊंट सभी दो खुर वाले हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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