ब्रह्माजी ने देवताओं के हिसाब से हजारों सालों तक तपस्या की। उन्होंने आकाश से आती इस दिव्य आवाज़ को सुना और इसे ईश्वरीय स्वीकृति माना। इस तरह उन्होंने अपने मन और इन्द्रियों को काबू में किया। उन्होंने जो तपस्या की, वो न सिर्फ जीवात्माओं के लिए एक बड़ी सीख है, बल्कि इसलिए वे सभी तपस्वियों में सबसे महान माने जाते हैं।