हे ब्रह्मा, तुम उस व्यक्तित्व का साक्षात्कार कर रहे हो, जो सृष्टि से पूर्व अस्तित्व में था जब केवल मैं ही था। उस समय भौतिक प्रकृति भी नहीं थी, जो सृष्टि का कारण है। जो अब तुम देख रहे हो, वह भी वही मैं हूँ और प्रलय के बाद जो बचेगा वह भी वही मैं ही हूँ।