श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 2: ब्रह्माण्ड की अभिव्यक्ति  »  अध्याय 9: श्रीभगवान् के वचन का उद्धरण देते हुए प्रश्नों के उत्तर  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  2.9.25 
 
 
ब्रह्मोवाच
भगवन् सर्वभूतानामध्यक्षोऽवस्थितो गुहाम् ।
वेद ह्यप्रतिरुद्धेन प्रज्ञानेन चिकीर्षितम् ॥ २५ ॥
 
अनुवाद
 
  ब्रह्माजी ने कहा, हे भगवान, आप हर जीवात्मा के हृदय में सर्वोच्च निर्देशक के रूप में स्थित हैं, इसलिए आप अपनी श्रेष्ठ बुद्धि से बिना किसी बाधा के सभी प्रयासों के बारे में जानते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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