श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 2: ब्रह्माण्ड की अभिव्यक्ति  »  अध्याय 9: श्रीभगवान् के वचन का उद्धरण देते हुए प्रश्नों के उत्तर  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  2.9.11 
 
 
श्यामावदाता: शतपत्रलोचना:
पिशङ्गवस्त्रा: सुरुच: सुपेशस: ।
सर्वे चतुर्बाहव उन्मिषन्मणि-
प्रवेकनिष्काभरणा: सुवर्चस: ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  वैकुण्ठ लोक के निवासियों का वर्णन श्यामवर्ण का किया गया है जो आभामंडल से युक्त है। उनकी आँखें कमल-पुष्प के समान हैं, उनके वस्त्र पीले रंग के हैं और उनकी शारीरिक बनावट अत्यंत आकर्षक है। वे युवावस्था में हैं, उनके चार हाथ हैं और वे मोती के हार और अलंकृत पदकों से सुशोभित हैं। उनकी उपस्थिति बहुत ही तेजस्वी है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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