श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 12: पतनोन्मुख युग  »  अध्याय 3: भूमि गीत  »  श्लोक 45
 
 
श्लोक  12.3.45 
 
 
पुंसां कलिकृतान् दोषान् द्रव्यदेशात्मसम्भवान् ।
सर्वान् हरति चित्तस्थो भगवान् पुरुषोत्तम: ॥ ४५ ॥
 
अनुवाद
 
  कलियुग में चीजें, जगहें और व्यक्ति तक सब दूषित हो जाते हैं| लेकिन भगवान उस व्यक्ति के जीवन से सभी संदूषण को हटा सकते हैं जो अपने मन में भगवान को बसा लेता है|
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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