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श्लोक 48
श्लोक
11.7.48
विसर्गाद्या: श्मशानान्ता भावा देहस्य नात्मन: ।
कलानामिव चन्द्रस्य कालेनाव्यक्तवर्त्मना ॥ ४८ ॥
अनुवाद
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जन्म से मृत्यु तक भौतिक जीवन के अलग-अलग चरण शरीर के गुणधर्म होते हैं और वो आत्मा को प्रभावित नहीं करते, ठीक वैसे ही जैसे चंद्रमा का घटना-बढ़ना खुद चंद्रमा को प्रभावित नहीं करता। ऐसे बदलाव समय की अदृश्य गति के कारण होते हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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