श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 30: यदुवंश का संहार  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  11.30.36 
 
 
यस्यानुस्मरणं नृणामज्ञानध्वान्तनाशनम् ।
वदन्ति तस्य ते विष्णो मयासाधु कृतं प्रभो ॥ ३६ ॥
 
अनुवाद
 
  हे भगवान विष्णु, विद्वानों का कहना है कि आपका निरंतर स्मरण करने से किसी भी व्यक्ति के अज्ञानता का अंधेरा नष्ट हो जाता है। हे स्वामी, मैंने आपका अपमान किया है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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