श्रीमद् भागवतम » स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास » अध्याय 29: भक्ति-योग » श्लोक 24 |
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| | श्लोक 11.29.24  | |  | | अभीक्ष्णशस्ते गदितं ज्ञानं विस्पष्टयुक्तिमत् ।
एतद् विज्ञाय मुच्येत पुरुषो नष्टसंशय: ॥ २४ ॥ | | अनुवाद | | मैंने साफ-साफ तर्क के साथ यह ज्ञान बार-बार तुम्हें बताया है। जो इसे ठीक से समझ जाएगा, वह सारे संशयों से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त कर लेगा। | |
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