श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 11: सामान्य इतिहास  »  अध्याय 22: भौतिक सृष्टि के तत्त्वों की गणना  »  श्लोक 60
 
 
श्लोक  11.22.60 
 
 
श्रीउद्धव उवाच
यथैवमनुबुध्येयं वद नो वदतां वर ॥ ६० ॥
 
अनुवाद
 
  श्री उद्धव ने कहा : हे श्रेष्ठ वक्ता, कृपया करके मुझे बताइये कि मैं इसे कैसे ठीक से समझ सकता हूँ?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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