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अध्याय 14: भगवान् कृष्ण द्वारा उद्धव से योग-वर्णन
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श्लोक 35
श्लोक
11.14.35
एवं प्रणवसंयुक्तं प्राणमेव समभ्यसेत् ।
दशकृत्वस्त्रिषवणं मासादर्वाग् जितानिल: ॥ ३५ ॥
अनुवाद
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ॐकार में स्थिर होकर सूर्योदय, दोपहर और सूर्यास्त के दौरान दस-दस बार प्राणायाम को ध्यानपूर्वक करना चाहिए। इस तरह एक माह के पश्चात वह प्राण वायु पर विजय प्राप्त कर लेगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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