श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 90: भगवान् कृष्ण की महिमाओं का सारांश  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  10.90.29 
 
 
आस्थितस्य परं धर्मं कृष्णस्य गृहमेधिनाम् ।
आसन् षोडशसाहस्रं महिष्यश्च शताधिकम् ॥ २९ ॥
 
अनुवाद
 
  धार्मिक गृहस्थ जीवन के सर्वोच्च मानकों का पालन करते हुए भगवान श्री कृष्ण की 16,100 से ज़्यादा पत्नियाँ थी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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