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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 9: माता यशोदा द्वारा कृष्ण का बाँधा जाना
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श्लोक 15
श्लोक
10.9.15
तद् दाम बध्यमानस्य स्वार्भकस्य कृतागस: ।
द्व्यङ्गुलोनमभूत्तेन सन्दधेऽन्यच्च गोपिका ॥ १५ ॥
अनुवाद
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जब माता यशोदा उस शरारती बालक को बाँधने का प्रयास कर रही थीं तो उन्होंने देखा कि बाँधने की रस्सी दो अंगुल कम पड़ रही थी। इसलिए वे उसमें जोड़ने के लिए एक और रस्सी ले आईं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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