श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 89: कृष्ण तथा अर्जुन द्वारा ब्राह्मण-पुत्रों का  »  श्लोक 5
 
 
श्लोक  10.89.5 
 
 
तत: कैलासमगमत् स तं देवो महेश्वर: ।
परिरब्धुं समारेभ उत्थाय भ्रातरं मुदा ॥ ५ ॥
 
अनुवाद
 
  तब भृगु ने कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान किया। वहाँ पहुँचने पर शिव जी उठकर प्रसन्नतापूर्वक अपने भाई को गले लगाने आगे बढ़े।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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