वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 87: साक्षात् वेदों द्वारा स्तुति
»
श्लोक 48
श्लोक
10.87.48
सभाजितो भगवता कृतासनपरिग्रह: ।
तस्मै तद् वर्णयामास नारायणमुखाच्छ्रुतम् ॥ ४८ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
भगवान के अवतार व्यासदेव ने नारद मुनि का सत्कार किया और उन्हें बैठने के लिए आसन दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। तब नारद ने व्यास को वह कथा सुनाई, जो उन्होंने श्री नारायण ऋषि के मुख से सुनी थी।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.