वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 86: अर्जुन द्वारा सुभद्रा-हरण तथा कृष्ण द्वारा अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया जाना
»
श्लोक 22
श्लोक
10.86.22
तेऽच्युतं प्राप्तमाकर्ण्य पौरा जानपदा नृप ।
अभीयुर्मुदितास्तस्मै गृहीतार्हणपाणय: ॥ २२ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे राजा, यह समाचार मिलते ही कि स्वामी अच्युत आ गए हैं, विदेह के नगर और गावों वासी प्रसन्नता के साथ अपने हाथों में भेंट लेकर उनका स्वागत करने चले आए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.