श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 86: अर्जुन द्वारा सुभद्रा-हरण तथा कृष्ण द्वारा अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया जाना  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  10.86.22 
 
 
तेऽच्युतं प्राप्तमाकर्ण्य पौरा जानपदा नृप ।
अभीयुर्मुदितास्तस्मै गृहीतार्हणपाणय: ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजा, यह समाचार मिलते ही कि स्वामी अच्युत आ गए हैं, विदेह के नगर और गावों वासी प्रसन्नता के साथ अपने हाथों में भेंट लेकर उनका स्वागत करने चले आए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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