श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 83: कृष्ण की रानियों से द्रौपदी की भेंट  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  10.83.23 
 
 
सज्यं कृत्वापरे वीरा मागधाम्बष्ठचेदिपा: ।
भीमो दुर्योधन: कर्णो नाविदंस्तदवस्थितिम् ॥ २३ ॥
 
अनुवाद
 
  कुछ वीरों - जरासंध, शिशुपाल, भीम, दुर्योधन, कर्ण और अम्बष्ठराज - ने धनुष पर डोरी चढ़ाने में तो सफलता प्राप्त कर ली, परंतु उनमें से कोई भी लक्ष्य का पता नहीं लगा सका।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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