पत्नीं वीक्ष्य विस्फुरन्तीं देवीं वैमानिकीमिव ।
दासीनां निष्ककण्ठीनां मध्ये भान्तीं स विस्मित: ॥ २७ ॥
अनुवाद
सुदामा ने अपनी पत्नी को देखकर विस्मय में आ गया। रत्नों से जड़ित लॉकेट पहनी हुई दासीयों के बीच चमकती हुई वह देवी की तरह तेजस्वी दिख रही थी, जैसे कि वह किसी दिव्य-विमान में प्रकाशित हो रही हो।