पतिमागतमाकर्ण्य पत्न्युद्धर्षातिसम्भ्रमा ।
निश्चक्राम गृहात्तूर्णं रूपिणी श्रीरिवालयात् ॥ २५ ॥
अनुवाद
जब ब्राह्मण की पत्नी ने सुना कि उसका पति आ गया है, तो वह खुशी से झूम उठी और घर से भागकर बाहर आई। वह मानो स्वयं भगवान लक्ष्मी थीं जो अपने दिव्य निवास से बाहर निकल रही हों।