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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 81: भगवान् द्वारा सुदामा ब्राह्मण को वरदान
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श्लोक 19
श्लोक
10.81.19
स्वर्गापवर्गयो: पुंसां रसायां भुवि सम्पदाम् ।
सर्वासामपि सिद्धीनां मूलं तच्चरणार्चनम् ॥ १९ ॥
अनुवाद
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स्वर्ग, मोक्ष, रसातल और पृथ्वी पर मनुष्यों द्वारा प्राप्त की जाने वाली सभी सिद्धियों की मूल वजह भगवान के चरणकमलों की भक्ति है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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