अनन्त भगवान् बलराम जी की समस्त लीलाएं अद्भुत हैं। जो कोई भी प्रतिदिन प्रातः और संध्या के समय उनका नियमित स्मरण करता है, वह भगवान् श्री विष्णु जी का अत्यंत प्रिय हो जाता है।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध दस के अंतर्गत उनासी अध्याय समाप्त होता है ।