वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 79: भगवान् बलराम की तीर्थयात्रा
»
श्लोक 33
श्लोक
10.79.33
ईदृग्विधान्यसङ्ख्यानि बलस्य बलशालिन: ।
अनन्तस्याप्रमेयस्य मायामर्त्यस्य सन्ति हि ॥ ३३ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
असीम और अपरिमित परमेश्वर, बलशाली भगवान बलराम द्वारा असंख्य अन्य लीलाएँ सम्पन्न की गईं, जो अपनी योगमाया शक्ति से मनुष्य के रूप में प्रकट होते हैं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.