श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 79: भगवान् बलराम की तीर्थयात्रा  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  10.79.27 
 
 
तस्मादेकतरस्येह युवयो: समवीर्ययो: ।
न लक्ष्यते जयोऽन्यो वा विरमत्वफलो रण: ॥ २७ ॥
 
अनुवाद
 
  चूंकि तुम दोनों युद्ध-बल में बराबर-बराबर हो, इसलिए मैं समझ नहीं पा रहा कि तुम में से कोई इस युद्ध में कैसे जीतेगा या हारेगा। इसलिए कृपा करके इस व्यर्थ के युद्ध को रोक दो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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