तस्मादेकतरस्येह युवयो: समवीर्ययो: ।
न लक्ष्यते जयोऽन्यो वा विरमत्वफलो रण: ॥ २७ ॥
अनुवाद
चूंकि तुम दोनों युद्ध-बल में बराबर-बराबर हो, इसलिए मैं समझ नहीं पा रहा कि तुम में से कोई इस युद्ध में कैसे जीतेगा या हारेगा। इसलिए कृपा करके इस व्यर्थ के युद्ध को रोक दो।