युवां तुल्यबलौ वीरौ हे राजन् हे वृकोदर ।
एकं प्राणाधिकं मन्ये उतैकं शिक्षयाधिकम् ॥ २६ ॥
अनुवाद
[बलरामजी ने कहा] : हे राजा दुर्योधन, हे भीम, सुनो तो, तुम दोनों योद्धा युद्ध-बल में समान ठहराए जा सकते हो। मैं जानता हूँ कि तुम दोनों में से एक के पास शारीरिक शक्ति अधिक है, जबकि दूसरा युद्ध कलाओं में अधिक प्रशिक्षित है।