श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 79: भगवान् बलराम की तीर्थयात्रा  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  10.79.24 
 
 
युधिष्ठिरस्तु तं द‍ृष्ट्वा यमौ कृष्णार्जुनावपि ।
अभिवाद्याभवंस्तुष्णीं किं विवक्षुरिहागत: ॥ २४ ॥
 
अनुवाद
 
  जब युधिष्ठिर, कृष्ण, अर्जुन और नकुल और सहदेव ने भगवान बलराम को देखा, तो उन्होंने उन्हें आदरपूर्वक प्रणाम किया, लेकिन कुछ भी नहीं कहा। वे मन में सोच रहे थे, "ये हमें क्या बताने आए हैं?"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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