वीक्ष्य तत् कदनं स्वानां निरूप्य पुररक्षणम् ।
सौभं च शाल्वराजं च दारुकं प्राह केशव: ॥ ९ ॥
अनुवाद
[शुकदेव गोस्वामी ने कहा] : द्वारका पहुँचकर, उन्होंने देखा की लोग विनाश के डर से घिरे हुए हैं और श्री सौभ विमान तथा शाल्व को भी देखा, इसलिए केशव ने नगरी की सुरक्षा का प्रबंध किया और फिर दारुक से बोले।