श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 77: कृष्ण द्वारा शाल्व का वध  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  10.77.8 
 
 
आह चाहमिहायात आर्यमिश्राभिसङ्गत: ।
राजन्याश्चैद्यपक्षीया नूनं हन्यु: पुरीं मम ॥ ८ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान अपने मन में कह रहे थे कि मैं बड़े भाई के साथ आया हूँ, ऐसे में शिशुपाल के समर्थक राजा मेरी राजधानी पर आक्रमण कर रहे होंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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