श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 77: कृष्ण द्वारा शाल्व का वध  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  10.77.15 
 
 
शाल्व: शौरेस्तु दो: सव्यं सशार्ङ्गं शार्ङ्गधन्वन: ।
बिभेद न्यपतद्धस्ताच्छार्ङ्गमासीत्तदद्भ‍ुतम् ॥ १५ ॥
 
अनुवाद
 
  तब शाल्व ने भगवान् कृष्ण की बाईं बाँह पर प्रहार किया, जिसमें वे अपना शार्ङ्ग धनुष पकड़े थे। आश्चर्यजनक बात यह हुई कि शार्ङ्ग उनके हाथ से गिर गया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.