वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 76: शाल्व तथा वृष्णियों के मध्य युद्ध
»
श्लोक 5
श्लोक
10.76.5
संवत्सरान्ते भगवानाशुतोष उमापति: ।
वरेणच्छन्दयामास शाल्वं शरणमागतम् ॥ ५ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
भगवान उमापति भले ही आशुतोष कहलाते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी शरण में आये शाल्व को एक साल तक प्रतीक्षा करवाई और फिर वरदान माँगने को कहा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.