न यदूनां कुले जात: श्रूयते रणविच्युत: ।
विना मत्क्लीबचित्तेन सूतेन प्राप्तकिल्बिषात् ॥ २९ ॥
अनुवाद
"मेरे अलावा यदुवंश के जन्मे किसी ने भी युद्ध के मैदान का परित्याग नहीं किया। अब तो मेरी कीर्ति एक सारथी ने धूमिल कर दी है, जो नपुंसक की तरह काम कर रहा है।"