श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 74: राजसूय यज्ञ में शिशुपाल का उद्धार  »  श्लोक 42
 
 
श्लोक  10.74.42 
 
 
ततश्चैद्यस्त्वसम्भ्रान्तो जगृहे खड्‍गचर्मणी ।
भर्त्सयन् कृष्णपक्षीयान् राज्ञ: सदसि भारत ॥ ४२ ॥
 
अनुवाद
 
  हे भारत, तब शिशुपाल ने निर्भय होकर वहाँ एकत्र सभी राजाओं के बीच अपनी तलवार और ढाल उठा ली और भगवान कृष्ण के समर्थकों का अपमान करना शुरू कर दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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