श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 74: राजसूय यज्ञ में शिशुपाल का उद्धार  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  10.74.29 
 
 
इत्थं सभाजितं वीक्ष्य सर्वे प्राञ्जलयो जना: ।
नमो जयेति नेमुस्तं निपेतु: पुष्पवृष्टय: ॥ २९ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान श्रीकृष्ण को इस तरह सम्मानित होते देख वहाँ उपस्थित अधिकांश लोगों ने श्रद्धापूर्वक हाथ जोड़कर कहा, "आपको नमस्कार, आपकी विजय हो।" और उसके बाद उन्हें नमन किया। ऊपर से फूलों की वर्षा होने लगी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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