श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 73: बन्दी-गृह से छुड़ाये गये राजाओं को कृष्ण द्वारा आशीर्वाद  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  10.73.27 
 
 
ते पूजिता मुकुन्देन राजानो मृष्टकुण्डला: ।
विरेजुर्मोचिता: क्लेशात् प्रावृडन्ते यथा ग्रहा: ॥ २७ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान मुकुंद द्वारा सम्मानित और कष्टों से मुक्त होकर राजा चमकते हुए कुंडल धारण किये हुए शोभायमान हुए, ठीक वैसे ही जैसे वर्षा ऋतु के बाद आकाश में चाँद और अन्य ग्रह चमकते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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