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अध्याय 73: बन्दी-गृह से छुड़ाये गये राजाओं को कृष्ण द्वारा आशीर्वाद
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श्लोक 25
श्लोक
10.73.25
सपर्यां कारयामास सहदेवेन भारत ।
नरदेवोचितैर्वस्त्रैर्भूषणै: स्रग्विलेपनै: ॥ २५ ॥
अनुवाद
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हे भरतवंशी! तब भगवान् ने राजा सहदेव द्वारा उन राजाओं को वस्त्र, आभूषण, माला और चंदन जैसी शाही भेंटें दिलवाकर उनका सम्मान करवाया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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