श्रीशुक उवाच
इत्यादिश्य नृपान् कृष्णो भगवान् भुवनेश्वर: ।
तेषां न्ययुङ्क्त पुरुषान् स्त्रियो मज्जनकर्मणि ॥ २४ ॥
अनुवाद
शुकदेव गोस्वामी ने कहा : इस प्रकार राजाओं को आज्ञा देने के बाद, समस्त लोकों के परमेश्वर भगवान कृष्ण ने सभी सेवकों और सेविकाओं को उन्हें स्नान कराने और उन्हें संवारने में लगा दिया।