श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 73: बन्दी-गृह से छुड़ाये गये राजाओं को कृष्ण द्वारा आशीर्वाद  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  10.73.18 
 
 
श्रीभगवानुवाच
अद्यप्रभृति वो भूपा मय्यात्मन्यखिलेश्वरे ।
सुद‍ृढा जायते भक्तिर्बाढमाशंसितं तथा ॥ १८ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान ने कहा: हे राजाओ, आज से तुम लोगों को मुझ परमात्मा और सृष्टि के स्वामी में अटल भक्ति प्राप्त होगी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आपकी इच्छा के अनुसार ही आपकी भक्ति निरंतर बनी रहेगी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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