श्रीभगवानुवाच
अद्यप्रभृति वो भूपा मय्यात्मन्यखिलेश्वरे ।
सुदृढा जायते भक्तिर्बाढमाशंसितं तथा ॥ १८ ॥
अनुवाद
भगवान ने कहा: हे राजाओ, आज से तुम लोगों को मुझ परमात्मा और सृष्टि के स्वामी में अटल भक्ति प्राप्त होगी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आपकी इच्छा के अनुसार ही आपकी भक्ति निरंतर बनी रहेगी।