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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 72: जरासन्ध असुर का वध
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श्लोक 34
श्लोक
10.72.34
तत: समेखले वीरौ संयुक्तावितरेतरम् ।
जघ्नतुर्वज्रकल्पाभ्यां गदाभ्यां रणदुर्मदौ ॥ ३४ ॥
अनुवाद
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ऐसे ही दोनों वीर नगर के बाहर समतल मैदान में एक दूसरे से युद्ध करने लगे। युद्ध के क्रोध से मत्त होकर वे एक दूसरे पर बिजली की तरह तेजी से चलनेवाली गदाओं से प्रहार करने लगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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