पितृष्वसुर्गुरुस्त्रीणां कृष्णश्चक्रेऽभिवादनम् ।
स्वयं च कृष्णया राजन्भगिन्या चाभिवन्दित: ॥ ४० ॥
अनुवाद
हे राजन, भगवान कृष्ण ने अपनी बुआ अर्थात् माता यमुना और उनके गुरुजनों की पत्नियों को प्रणाम किया। तत्पश्चात द्रौपदी और भगवान की बहन सुभद्रा ने भी उन्हें प्रणाम किया।