श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 71: भगवान् की इन्द्रप्रस्थ यात्रा  »  श्लोक 40
 
 
श्लोक  10.71.40 
 
 
पितृष्वसुर्गुरुस्‍त्रीणां कृष्णश्चक्रेऽभिवादनम् ।
स्वयं च कृष्णया राजन्भगिन्या चाभिवन्दित: ॥ ४० ॥
 
अनुवाद
 
  हे राजन, भगवान कृष्ण ने अपनी बुआ अर्थात् माता यमुना और उनके गुरुजनों की पत्नियों को प्रणाम किया। तत्पश्चात द्रौपदी और भगवान की बहन सुभद्रा ने भी उन्हें प्रणाम किया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.