श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 71: भगवान् की इन्द्रप्रस्थ यात्रा  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  10.71.39 
 
 
गोविन्दं गृहमानीय देवदेवेशमाद‍ृत: ।
पूजायां नाविदत्कृत्यं प्रमोदोपहतो नृप: ॥ ३९ ॥
 
अनुवाद
 
  देवताओं के परमेश्वर, श्री भगवान् गोविन्द को राजा युधिष्ठिर प्रेमपूर्वक अपने निवास में ले आये। राजा हर्ष से इतना अभिभूत हो गये कि वे पूजा के सारे विधान भूल गये।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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