श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 71: भगवान् की इन्द्रप्रस्थ यात्रा  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  10.71.36 
 
 
तत्र तत्रोपसङ्गम्य पौरा मङ्गलपाणय: ।
चक्रु: सपर्यां कृष्णाय श्रेणीमुख्या हतैनस: ॥ ३६ ॥
 
अनुवाद
 
  विभिन्न स्थानों पर नगर के लोग भगवान कृष्ण के लिए शुभ प्रसाद लिए हुए आए, और पापरहित व्यापारियों के नेता भगवान की पूजा करने आगे आए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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