[शुकदेव गोस्वामी ने कहा] : इस प्रकार अपने स्वामी द्वारा अनुरोध किये जाने पर, जो कि सर्वज्ञ होते हुए भी मोहित होने का अभिनय कर रहे थे, उद्धव ने उनके इस आदेश को सिर-आँखों पर रखते हुए इस प्रकार उत्तर दिया।
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध दस के अंतर्गत सत्तर अध्याय समाप्त होता है ।