श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 70: भगवान् कृष्ण की दैनिक चर्या  »  श्लोक 40
 
 
श्लोक  10.70.40 
 
 
अथाप्याश्रावये ब्रह्म नरलोकविडम्बनम् ।
राज्ञ: पैतृष्वस्रेयस्य भक्तस्य च चिकीर्षितम् ॥ ४० ॥
 
अनुवाद
 
  फिर भी, हे मनुष्यों में दिखाई देने वाले परम सत्य! मैं तुम्हें बताऊँगा कि तुम्हारे बुआ के पुत्र युधिष्ठिर महाराज क्या करने का विचार कर रहे हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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