श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 70: भगवान् कृष्ण की दैनिक चर्या  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  10.70.24 
 
 
ये च दिग्विजये तस्य सन्नतिं न ययुर्नृपा: ।
प्रसह्य रुद्धास्तेनासन्नयुते द्वे गिरिव्रजे ॥ २४ ॥
 
अनुवाद
 
  जिन्होंने जरासंध के विश्व विजय अभियान के दौरान पूर्ण अधीनता स्वीकार नहीं की थी, उन बीस हज़ार राजाओं को बलपूर्वक गिरिव्रज नाम के किले में कैद कर दिया गया था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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