श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 70: भगवान् कृष्ण की दैनिक चर्या  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  10.70.19 
 
 
तत्रोपमन्त्रिणो राजन् नानाहास्यरसैर्विभुम् ।
उपतस्थुर्नटाचार्या नर्तक्यस्ताण्डवै: पृथक् ॥ १९ ॥
 
अनुवाद
 
  और वहाँ हे राजन, विदूषक विविध हास्य रसों का प्रदर्शन करके अपने प्रभु का मनोरंजन करते जहाँ नृत्य पेशेवरों द्वारा प्रस्तुत किया जाता था तथा नृत्यकियाँ सशक्त नृत्यों की प्रस्तुति देती थीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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